कुछ मेरी कुछ तुम्हारी
Anupam Mishraकुछ मेरी कुछ तुम्हारी : ह्रदय के शब्दभेदी वाणFew Words of mine & few of yours that hit like arrows in heartमैं सभी काव्य प्रेमियों के लिए प्रचलित कवियों के काव्य को अपना स्वर दूंगी और कुछ अपने और आपके अनुभव भी साझा करती रहूंगीआइये आप और मैं मिल के एक दूसरे को प्रोत्साहित करते हैं और अपनी प्रेरणा एक दुसरे के साथ साझा करते है।मिलकर हम हर मुश्किल को आसान बनाते है, चलिए शब्दों के औजार से शब्द नगरी बसाते हैं और प्रेम की अग्नि जलाते है। Together we make a difference.So let's join our hands to make our world a place for all of us. Thank you so much for all your love, cooperation & appreciation.