Podcast Interviews By Mahendra Kumar

Podcast Interviews By Mahendra Kumar

Mahendra kumar

हिंदुस्तान में गांधी के आलोचक मिल जाएंगे पर विदेशों में नहीं : प्रो.संजय द्विवेदी


गांधीजी की पत्रकारिता के आदर्श मूल्य भारतीय समाज के लिए सार्थक



*गांधी जयंती पर विशेष*



आज के दौर में जब ईमानदार पत्रकारिता की जमीन सिमटती जा रही है तो यह सवाल लाजिमी हो जाता है कि पत्रकारिता के मूल मूल्य कहां ठहरते हैं? और यह भी कि उन मूल्यों के साथ पत्रकारिता की क्या कोई संभावना बच रही है? ‘गांधी की पत्रकारिता’ ऐसे ही सवालों का जवाब हैं। दक्षिण अफ्रीका के अपने अख़बारी दिनों को याद करते हुए महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है - ‘समाचार-पत्र सेवाभाव से ही चलाने चाहिए। समाचार-पत्र एक जबर्दस्त शक्ति है; लेकिन जिस प्रकार निरंकुश पानी का प्रवाह गांव के गांव डुबो देता है और फसल को नष्ट कर देता है, उसी प्रकार निरंकुश कलम का प्रवाह भी भयंकर विनाश कर सकता है। गांधी जयंती के अवसर पर हमारे समाचार पत्र दिल्ली और दिल्ली द्वारा गांधी संवाद श्रंखला का आयोजन किया गया है। इस संवाद श्रंखला की कड़ी में *दिल्ली और दिल्ली के उप संपादक महेंद्र कुमार* ने "महात्मा गांधी की पत्रकारिता और वर्तमान पत्रकारिता का स्वरूप" विषय पर देश के ख्याति प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार व शिक्षाविद *प्रो. संजय द्विवेदी* महानिदेशक भारतीय जन संचार संस्थान नई दिल्ली से विशेष चर्चा की है। हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। गांधी जयंती के अवसर पर उनके साथ की गई चर्चा के प्रमुख अंश :-


*महात्मा गांधी को एक पत्रकार के रूप में आप कैसे देखते हैं?*

मुझे लगता है, महात्मा गांधी अपने समय के बहुत बड़े बड़े संचारक थे। उन्होंने 1904 में 'इण्डियन ओपिनियन' साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन आरम्भ किया। 1919 में जब रॉलेट बिल पास हुआ जिसमें आम भारतीयों के आम अधिकार छीने गये जिसके विरोध में उन्होंने पहला अखिल भारतीय सत्याग्रह छेड़ा जो राष्ट्रव्यापी हड़ताल था। उसके बाद गांधी अंग़्रेजी साप्ताहिक पत्र 'यंग इण्डिया' व गुजराती साप्ताहिक 'नवजीवन' के संपादक के तौर पर नियुक्त हुए। 1933 में गांधी जी ने साप्ताहिक पत्र 'हरिजन' की स्थापना की, उसके बाद उन्होंने अपने साबरमती तट पर बने सत्याग्रह आश्रम का नाम हरिजन आश्रम रखा। इन अखबारों के माध्यम से गांधी जी ने भारतीय पत्रकारिता में एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप किया। भारतीय पत्रकारिता में गांधी की पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण विरासत है। आज एक आदर्श और महान पत्रकार के रूप में गांधी को सभी याद करते हैं। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी की पत्रकारिता ने लोगों को अंग्रेजों के विरुद्ध खड़े होने के लिए प्रेरित किया।

*स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी की पत्रकारिता का योगदान?*


गांधी ने अपने समाचार पत्रों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के साथ ग्रामीण व शहरी दोनों तबके के लोगों को एक बड़े जन सैलाब के तौर पर जुड़ा था। महात्मा गांधी ने अन्य विचारकों को भी समाचार पत्र निकालने के लिए प्रेरित किया। इसका बड़ा उदाहरण है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू है उन्होंने गांधीजी के निर्देश पर 3 अखबार नेशनल हेराल्ड, नवजीवन कौमी आवाज की शुरुआत की थी। रामगोपाल माहेश्वरी ने नागपुर से नवभारत अखबार निकाला इसकी प्रेरणा भी उनको गांधीजी से ही मिली थी। गांधीजी की पत्रकारिता के दो मुख्य लक्ष्य रहे, एक सामाजिक बदलाव व दूसरा स्वतंत्रता आंदोलन। इन दोनों उद्देश्य को लेकर उनकी पत्रकारिता हमेशा समर्पित रही। गांधी जी ने बहुत बड़े लक्ष्य को लेकर पत्रकारिता की शुरुआत की थी। अगर आज हम उनकी पत्रकारिता के लक्ष्य और आदर्शों को माने तो समाज में घटित हो रही अप्रिय घटनाओं में कमी आ जाएगी।
गांधीजी के मूल्यों को अगर हम पत्रकारिता में डालेंगे तो पत्रकारिता अधिक सार्थक व आदर्श हो जाएगी।

*गांधी के पत्रकारिता दौर की तकनीक और वर्तमान दौर की तकनीक पर आपके क्या विचार है?*

गांधीजी की पत्रकारिता का समय रेडियो व अखबारों का था। उस समय जितने भी हमारे राष्ट्र नायक रहे उन्होंने अधिकांश अखबार या फिर रेलवे स्टेशनों की शुरुआत की थी। आज का वक्त उस समय के मुकाबले थोड़ा अलग है। आज के समय में सोशल मीडिया कुछ ज्यादा ही प्रभावी हो गया है। महान क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद नाम से एक रेडियो स्टेशन की शुरुआत की थी। उस दौरान अन्य राष्ट्र नायकों ने समाचार पत्रों की शुरुआत की। अगर आज महात्मा गांधी होते तो वह भी वर्तमान पद्धतियों को ही अपनाते शायद वह अपना ट्विटर अकाउंट भी शुरु कर देते। इसके अलावा भी वह अन्य सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर एक्टिव हो जाते। हर समय का एक मीडिया होता है। समय के साथ-साथ संचार के माध्यमों में बदलाव आता रहता है।


*महात्मा गांधी को एक पत्रकार के रूप मे

Where can you listen?

Apple Podcasts Logo Spotify Logo Podtail Logo Google Podcasts Logo RSS

Episodes

Questions & Answers

How many episodes are there of Podcast Interviews By Mahendra Kumar?

There are 4 episodes avaiable of Podcast Interviews By Mahendra Kumar.

What is Podcast Interviews By Mahendra Kumar about?

We have categorized Podcast Interviews By Mahendra Kumar as:

  • Society & Culture
  • Personal Journals

Where can you listen to Podcast Interviews By Mahendra Kumar?

Podcast Interviews By Mahendra Kumar is available, among others places, on:

  • Spotify
  • Apple Podcasts
  • Podtail
  • Google Podcasts

When did Podcast Interviews By Mahendra Kumar start?

The first episode of Podcast Interviews By Mahendra Kumar that we have available was released 7 October 2020.

Who creates the podcast Podcast Interviews By Mahendra Kumar?

Podcast Interviews By Mahendra Kumar is produced and created by Mahendra kumar.